मीडिया है एक तिलस्म
मुश्किल है इसे पार पाना
मुश्किल है इसे भेद पाना
भेदा तो पछतावोगे
मन मषौट कर रह जाओगे
अगर धोखे से इसे भेद दिया
तो फिर तिलस्म में खो जाओगे
मीडिया है एक तिलस्म
इस तिलस्म की दुनिया है निराली
कही आग, कही पानी
कही सवेरा, कही अंधेरा
कोई अपना, कोई बेगाना
तिलस्म का अपना अफसाना
इन अफसानों में कई फसाना
इन फसानों में उलझते जाना
तिलस्म में कहीं खो सा जाना
चाह कर भी निकल नहीं पाना
मीडिया है एक तिलस्म
मुश्किल है इसे पार पाना
मुश्किल है इसे भेद पाना
भेदा तो पछतावोगे
मन मषौट कर रह जाओगे
अगर धोखे से इसे भेद दिया
तो फिर तिलस्म में खो जाओगे
मीडिया है एक तिलस्म
इस तिलस्म की दुनिया है निराली
कही आग, कही पानी
कही सवेरा, कही अंधेरा
कोई अपना, कोई बेगाना
तिलस्म का अपना अफसाना
इन अफसानों में कई फसाना
इन फसानों में उलझते जाना
तिलस्म में कहीं खो सा जाना
चाह कर भी निकल नहीं पाना
मीडिया है एक तिलस्म